हरियाणा

किसानो ने दी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार व आत्मदाह करने की चेतावनी

सत्यखबर जुलाना (जयबीर सिंह) – जल ही जीवन है, जल है तो कल है। ये शोगल आपको दिवारों पर लिखे बहुत मिलेगें। लेकिन जिस गांव में पानी ही नहीं वहां लोगों का जीवन कैसा होगा। धरौदी माईनर में भाखड़ा के पानी की मांग को लेकर 11 गांवों के लोगों ने धरौदी गांव में अनिश्चितकालिन धरना शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि धरौदी माईनर में भाखड़ा का पानी आना चाहिए। धरने में धरौदी, बेलरखा, खरल, फरैण क लां, फरैण खुर्द, कर्मगढ़, नैहरा, खानपुर, हमीरगढ़, लोन, कान्हाखेड़ा गांवों के मौजिज लोग धरने पर बैठे हैं। लोगों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी।

लगभग 25 साल पहले इस माईनर का निर्माण करवाया गया था। माईनर को भाखड़ा से जोडने की भी पूरी तैयारी थी। लेकिन धरौदी माईनर नरवाना की राजनीति का हिस्सा बन गई। जिस कारण आज तक भी लोगों को भाखड़ा का पानी नसीब नहीं हो सका। फिलहाल इस माईनर में मुदंडी हैड से पानी दिया जाता है। जो टेल तक नहीं पहुंचा पाता। लोगों ने कहा कि माईनर में 45 दिन में एक सप्ताह पानी आता है। लेकिन माईनर का पानी लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता है। जिस कारण इन 11 गावों के जलघर भी सुखे पड़े हैं। इसलिए गांवों में पीने के पानी का भी संकट पिछले कई वर्षों से बना हुआ है। इसके अलावा खेतों की सिंचाई के लिए भी किसानों के पास अच्छा पानी नहीं है और सुखे जैसे हालात इन गांवों के किसानों के खेतों में बने हुए हैं। लोगों ने कहा कि पशुओं के लिए पीने के लिए पानी नहीं। इसलिए हम लोग पानी के लिए सरकार व प्रशासन से हर तरह की लड़ाई लडऩे के लिए तैयार हैं।

ग्रामीण हरदीन ने बताया कि हमारे गांव में नहरी पानी की समस्या पिछले कई वर्षों से बनी हुई है। इंसान तो क्या गांव में पशुओं के पीने के लायक भी पानी नहीं है। जलघर सूखे पड़े रहते हैं। सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं करती है तो हम विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेगें।

अमित ने बताया कि धरौदी माईनर राजनीतिक मुद्दा बनी हुई है। इसलिए इन 11 गांवों के लोग विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेगें। अमित ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के कारण ही हमें में आज तक भाखड़ा का पानी नहीं मिल सका। सरकार हमें पानी नहीं दे सकती है तो हमें हरियाणा से निकालकर पंजाब में जोडऩे का काम करे।

सुरजमल फरैण ने बताया कि हमारे गांव में टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता है। लेकिन कागजों में विभाग द्वारा पानी पहुंचाने का दावा किया जाता है। यदि हमारी हमारी मांग पूरी नहीं होगी तो हम आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेगें।

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